कहाँ दिल छोड़ आये हो,
बहुत चुप चाप से रहते हो !
न बनते हो न सवरते हो,
न कोई बात करते हो !
भरी महफ़िल में भी अक्सर,
हमेशा खोये रहते हो!
उदासी आँखों में लेकर,
हर एक चहरे को तकते हो!
कोई जब याद आता है तो,
ठंडी आंहे भरते हो !
तो खुल कर क्यों नही कहते,
किसी से प्यार करते हो !!!!
तो खुल कर क्यों नही कहते,
किसी से प्यार करते हो !!!!
बहुत चुप चाप से रहते हो !
न बनते हो न सवरते हो,
न कोई बात करते हो !
भरी महफ़िल में भी अक्सर,
हमेशा खोये रहते हो!
उदासी आँखों में लेकर,
हर एक चहरे को तकते हो!
कोई जब याद आता है तो,
ठंडी आंहे भरते हो !
तो खुल कर क्यों नही कहते,
किसी से प्यार करते हो !!!!
तो खुल कर क्यों नही कहते,
किसी से प्यार करते हो !!!!
This is spl to me.. grt yar...u write so well
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