दिन में सोचते है तुम्हे,
रात में तुम्हे सोचते है!
सोचकर सोचते है कि,
तुम्हे क्यों हर पल सोचते है !!
सोचते हुए उस सोच का ख्याल आया,
सोच जिसे हमने अपने दिल में बसाया!
सोचा सो सोच है हमे, सबसे प्यारी,
क्या सोच वो सच होगी हमारी!
आखिर सोच तो सोच होती है,
इस सोच का सोचना अब खुदा पर है!
सोचना पड़ता है दुसरे रिश्तो का भी,
बस यही सोच नही होती है काफी !
यही सोच कर दिल को तसल्ली देते है,
सोच हो न हो सच !
पर यह तो है एक सच,
कि सोच हमारी कभी तो होगी सच !!!!
soch soch kar mai ye nhi soch pai ki aap ki soch ke mai kya soch kar shabd likhu.....
ReplyDeletemai soch soch kar sochti rah gai lekin kuch soch na pai ki aap ki soch ko kya kahu......true
Soch me agar sachai ho to wo Soch bhi hogi hi SACH...
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